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सपनों से निपुणता तक

नेशनल फेमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक पंजाब में 56 फीसदी लड़कियां ही दस वर्ष के बाद स्कूली शिक्षा को नियमित रख पा रही हैं। हरियाणा में यह प्रतिशत्ता 49.5 फीसदी है। हरियाणा सरकार द्वारा जारी वर्ष 2021-22 की रिपोर्ट के मुताबिक छठी से आठवीं कक्षा तक की लड़कियों की ड्रापआउट दर 0.2 प्रतिशत तथा नौवीं से दसवीं कक्षा तक की ड्रापआउट दर 4.9 प्रतिशत रही है।
प्रयोग फाउंडेशन महिलाओं को स्वावलंबी बनाने और उन्हें सम्मान के साथ समाज में वह स्थान दिलाने का प्रयास कर रहा है जिसकी वह हकदार हैं। ऐसे में भविष्य में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में फाउंडेशन सक्रिय है।

महिलाओं के अंदर छिपी प्रतिभा को बेहतर मंच देने की योजना है। जिसके तहत कम पढ़ी-लिखी या ड्रॉपआउट महिलाओं को फिर से शिक्षा से जोडऩे, उनके लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण की व्यवस्था करने, महिलाओं को सरकारी योजनाओं से जोडक़र लाभान्वित करने, महिलाओं के लिए ब्याज मुक्त ऋण की व्यवस्था करने, उन्हें स्वयं की व्यवसाय योजना तैयार करने में मदद करने की बात कही गई है।

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