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डिजिटल हयूमन

विश्व के कई प्रगतीशील देशों के मुकाबले भारत में कंप्यूटर साक्षरता दर अभी भी बहुत कम है। इंटरनेट डाटा की खप्त के मामले में भारत भले ही विश्व के कई देशों को पीछे छोड़ चुका है लेकिन यहां का अधिकतर युवा वर्ग आज भी डिजिटल साक्षरता के नाम पर फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसी सोशल साइटों से आगे नहीं बढ़ा है।
नेशनल सैंपल सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान समय में भारत में कुल 16.5 प्रतिशत लोग पूरी तरह से कंप्यूटर साक्षर है। अर्थात भारत में मात्र 100 में से लगभग 17 लोग ही कम्प्यूटर चलाना जानते हैं। वहीं महिलाओं में दर मात्र 10 प्रतिशत है। यह साक्षरता दर भारत सरकार द्वारा देश में चलाई जा रही डिजिटल क्रांति की लचर हालत बताने के लिए काफी है।
ग्रामीण अंचल के युवाओं के पास शहरी युवाओं के मुकाबले साधनों तथा अवसरों की कमी होती है। इसके बावजूद ग्रामीण युवाओं में कंप्यूटर के प्रति भूख नहीं जागी है। इसी उद्देश्य के साथ प्रयोग फाउंडेशन द्वारा वर्ष 2022 में विश्व प्रसिद्ध यूनिवर्सिटी चितकारा ग्रुप के साथ मिलकर पंचकूला जिले के गांव मानकटबरा में अपना प्रोजेक्ट डिजिटल हयूमन शुरू किया। यह प्रोजैक्ट भी शिक्षा बैंक का ही एक हिस्सा है।
इस प्रोजैक्ट के तहत ग्रामीण बच्चों की कई बार कांउसलिंग करने के बाद उन्हें कंप्यूटर सीखने के लिए तैयार किया गया। इसके बाद प्रयोग फाउंडेशन ने पंचकूला जिला के गांव मानकटबरा में डिजिटल हयूमन के तहत कंप्यूटर सेंटर शुरू किया। इस सेंटर के माध्यम से अब तक दस-दस बच्चों के दो बैच पास हो चुके हैं और तीसरा बैच चल रहा है।
इस सेंटर में आने वाले बच्चों को बेसिक कंप्यूटर कोर्स करवाया गया। इनमें कई बच्चे तो ऐसे थे जिन्होंने पहले कभी कंप्यूटर देखा तक नहीं था। कंप्यूटर कोर्स पूरा करने के बाद बच्चे किया हुआ न भूलें तथा वह मनोवैज्ञानिक तरीके से कंप्यूटर के साथ जुड़े रहें इसके लिए दैनिक कक्षाओं के बाद अब साप्ताहिक कक्षाओं का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें बच्चों से खेल-खेल में कंप्यूटर से जुड़े सवाल पूछकर उन्हें रिफ्रैशमेंट देकर प्रोत्साहित किया जाता है। मानकटबरा गांव में मिली सफलता के बाद अब सिडबी के सहयोग से पंचकूला जिले में कंप्यूटर सेंटर योजना का विस्तार किया जाएगा।

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