बलात्कारियों पर कार्रवाई को बने कठोर कानून
गुरुग्राम/ सोहना, 18 अक्तूबर। बलात्कारियों को सजा देने के लिए देश के कानूनों को कठोर किए जाने की जरूरत है। वर्ना हर पल हाथरस जैसी घटनाएं होती रहेंगी। इन घटनाओं को रोकने के लिए हमें पुरूष प्रधान समाज की सोच को बदलना होगा। उक्त विचार सेल्फी विद डॉटर फांउडेशन के संस्थापक सुनील जागलान ने निकटवर्ती गांव घंघोला में प्रयोग फांउडेशन द्वारा आयोजित सेमिनार को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
सेमिनार में शामिल हुई महिलाओं व गांव की लड़कियों ने इस मुद्दे पर बेबाकी के साथ अपने विचार व्यक्त किए। इस गांव की रहने वाली प्रीती ने कठोर कानूनों की पैरवी करते हुए कहा कि जब लोग घटनाओं को भूल जाते हैं तब दोषियों को सजा दी जाती है। यह परंपरा गलत है। चर्चा में शामिल हुई लड़कियों ने कहा कि वह जब पढ़ाई के लिए अपने गांव से बाहर जाती हैं तो उनमें असुरक्षा की भावना रहती है।
महिलाओं ने कहा कि ऐसा माहौल पैदा करना पड़ेगा जब लड़कियां बेखौफ होकर घर से बाहर निकल सकें और पुरूष प्रधान समाज में लोगों अपनी व दूसरों की बेटियों के प्रति एक समान सोच अपनानी होगी। गांव वासी कपिल ने महिलाओं के साथ होने वाली छेड़छाड़ की घटनाओं के लिए नशों की बढ़ रही प्रवृत्ति को जिम्मेदार ठहराया। सुनील जागलान ने अपने संबोधन में कहा स्कूलों की अच्छी इमारतों से शिक्षा नहीं मिल सकती है। शिक्षा तभी मिलेगी जब युवाओं के भीतर अच्छी प्रवृत्ति का इंसान जन्म लेगा। प्रयोग फांउडेशन के महासचिव संजीव शर्मा ने कहा कि बलात्कार की अधिकतर घटनाओं में पीडि़ता को निशाना बनाने वाले जान पहचान के होते हैं। इसलिए हमें महिलाओं के प्रति अपना नजरिया बदलने की जरूरत है। आज जातिवाद व जागरूकता का अभाव भी इस तरह की घटनाओं को बढ़ावा दे रहा है। इस अवसर पर प्रयोग फांउडेशन के उपाध्यक्ष संजय कुमार मेहरा, सुरिंदर कुमार समेत कई गणमान्यों ने अपने विचार व्यक्त किए।